ब्लैक वाटर क्या  होता हैं  What is Black Water in Hindi

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ब्लैक वाटर क्या होता हैं तथा यह कैसे बनता है

पृथ्वी पर सबसे ज्यादा जल है फिर भी पे जल पृथ्वीवासियों  के लिए एक समस्या का विषय रहा है | आज के समय में जल के विभिन्न रूप देखने को मिलते हैं एक खास प्रकार का जल जिसे हम ब्लैक वाटर कहते हैं यह फिलहाल में  सेलिब्रिटीज के बीच काफी पॉपुलर हो रहा है.  लेकिन क्या आप जानते हैं पर यह ब्लैक वाटर क्या है? आइये जानते हैं ?-

ब्लैक वाटर एक क्षारीय जल है जिसमें सामान्य जल के मुकाबले खनिजों की मात्रा अधिक होती है. क्षारीय (alkaline) होने की वजह से इसका रंग काला होता है, इसलिए इसे Black Water कहा जाता है. आज के इस लेख में आप ब्लैक वाटर क्या होता है, ब्लैक वाटर कैसे बनता है और इससे होने वाले फायदों के बारे में  विस्तार से जानेंगे. तो चलिए शुरू करते हैं और जानते हैं ब्लैक वाटर से जुड़ी पूरी जानकारी.

  • वर्डप्रेस वेबसाइट के फायदे  क्या -क्या है
  • SEO या Unique Content कौन ज्यादा पैसा देगा 

1.ब्लैक वाटर क्या होता है?

ब्लैक वाटर एक alkaline water (क्षारीय पानी) है, जिसका pH लेवल 7 से अधिक होता है. इसमें खनिजों की संख्या ज्यादा होती है, जिसमें मैग्नीशियम, सोडियम, कैल्शियम और पोटेशियम जैसे खनिज शामिल होते हैं. pH लेवल 8 से 9 के बीच होने के कारण यह एक अलग रंग (काले रंग में) में नजर आता है. माना जाता है कि यह त्वचा के लिए काफी फायदेमंद होता है, खासतौर पर उनके लिए जिन्हें मुहांसों की समस्या रहती है.

इसके अलावा इसे पाचन तंत्र के लिए भी अच्छा माना गया है और दावा किया जाता है कि यह गैस और अपच जैसी पाचन समस्याओं को भी दूर करता है. साथ ही इससे मधुमेह (diabetes) के मरीजों को भी लाभ मिलता है.

2.आखिरकार ब्लैक वाटर बनाते कैसे हैं

<span style=”background: color: yellow”>ब्लैक वाटर जिसे हम </span> alkaline water भी कह सकते हैं यह दो प्रकार का होता है –

  • प्राकृतिक ब्लैक वाटर
  • कृत्रिम (artificial) ब्लैक वाटर

प्राकृतिक – प्राकृतिक ब्लैक वाटर तब बनता है जब पानी चट्टानों से होकर झरने की तरह बहता है. यह पानी खनिजों को अपने साथ शामिल कर लेता है, जिससे इसका pH लेवल बढ़ जाता है.

कृत्रिम ज्यादातर ब्लैक वाटर जिसे लोग पीते हैं, वह artificial होता है. इसे एक केमिकल प्रोसेस से तैयार किया जाता है, जिसे electrolysis कहा जाता है. इस तकनीक में सामान्य पानी के pH लेवल को बढ़ाने के लिए एक ionizer नामक उपकरण का इस्तेमाल किया जाता है.

Ionizer के निर्माताओं के अनुसार यह उपकरण बिजली से चलता है और पानी के अधिक अम्लीय (acidic) और अधिक क्षारीय (alkaline) molecules को अलग-अलग कर देता है. इसके बाद अम्लीय पानी को बाहर निकाल दिया जाता है. हालांकि, कई शोधकर्ताओं और डॉक्टरों के अनुसार ये दावे गुणवत्ता अनुसंधान द्वारा समर्थित नहीं हैं. Ionization से पहले यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि कहीं मूल स्रोत से निकले पानी में दूषित पदार्थ तो मौजूद नहीं है.

कुछ वैज्ञानिक पानी को alkaline ionizer से जोड़ने से पहले RO इस्तेमाल करने की सलाह देते हैं, जो पानी के pH को बढ़ाने और खनिज जोड़ने में मदद करता है.

3.कितना अंतर होता है एक साधारण पानी और ब्लैक वाटर में

किसी भी भोजन या पेय पदार्थ के pH स्तर से उसके अम्लीय (acidic) या क्षारीय (alkaline) होने का पता चलता है. pH की मात्रा 0 – 14 के बीच मापी जाती है. शुद्ध पानी का pH स्तर 6 से 7 के बीच होता है, जिसे तटस्थ (neutral) अवस्था कहा जाता है. लेकिन क्षारीय जल का pH सामान्य तौर पर 7 से अधिक होता है जो शुद्ध पानी से अधिक है.

अधिक pH का पानी प्राकृतिक तौर पर या ionizing के जरिए प्राप्त किया जाता है. ब्लैक वाटर में 70 से अधिक खनिज मौजूद होते हैं, कहा जाता है कि इसके सेवन से इंसान लंबे समय तक स्वस्थ रह सकता है

4.ब्लैक वाटर बनाने वाली कंपनियां के अनुसार ब्लैक वाटर पीने के फायदे

  • यह हड्डियों को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करता है.
  • यह गैस संबंधी समस्याओं को दूर करता है.
  • यह रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है.
  • शरीर से टॉक्सिन्स को बाहर करता है.
  • व्यायाम के दौरान यह शरीर को हाइड्रेट रखता है.
  • कोलेस्ट्रॉल को कम करता है.
  • उच्च रक्तचाप और मधुमेह को भी कम करता है.
  • आयु में वृद्धि होती है.

5.ब्लैक वाटर पीने के नुकसान भी होता है क्या

पर्याप्त सबूत न होने की वजह से ब्लैक वाटर कितना फायदेमंद है और कितना नुकसानदेह, यह स्पष्ट रूप से कहना काफी मुश्किल है. लेकिन कुछ लोगों ने इसे consume करने के बाद कई नकारात्मक दुष्प्रभाव महसूस किए हैं. क्षारीय पदार्थों का अधिक सेवन करने से हमारे शरीर को निम्नलिखित तरह की स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है.

  • जी मिचलाना
  • चक्कर आना
  • उल्टी आना
  • गैस संबंधित समस्याएं
  • मांसपेशियों में ऐंठन
  • हाथ-पैर और चेहरे में झुनझुनी
  • घबराहट होना

6.कैसा होता है ब्लैक वाटर का स्वाद

ब्लैक वाटर पीने पर इसका स्वाद बिल्कुल सामान्य पानी की तरह लगता है. लेकिन, पीएच (pH) लेवल अधिक होने की वजह से इसका रंग काला दिखाई देता है. कई लोग एनर्जी बढ़ाने के लिए इसका इस्तेमाल वर्कआउट या जिम के बाद करते हैं, इसलिए इसे एनर्जी ड्रिंक या फिटनेस ड्रिंक भी कहा जाता है.

7.ब्लैक वाटर की कीमत कितनी है?

भारत में आपको कई ब्रांड के साथ ब्लैक वाटर देखने को मिलेगा. सबसे ज्यादा डिमांड इवोकस कंपनी के ब्लैक वाटर की रहती है. इवोकस की हाफ लीटर की बोतल 100 रूपए में मिलती है, मतलब 1 लीटर ब्लैक वाटर की कीमत 200 रुपए है. ब्लैक वाटर की एक बोतल में 32 mg कैल्शियम, 21 mg मैग्नीशियम और 8 mg सोडियम मौजूद होता है.

8.ब्लैक वाटर कितना सुरक्षित हैं

ब्लैक वाटर  या alkaline water को लेकर कोई पुख्ता वैज्ञानिक प्रमाण नहीं हैं जो दावा करे कि इससे किसी तरह की स्वास्थ्य स्थितियों में सुधार होता है.इसे आमतौर पर सौखिया ही माना जाता है इसलिए  मेडिकल एक्सपर्ट मार्केटिंग दावों पर विश्वास न करने की चेतावनी देते हैं. हालांकि natural black water को सुरक्षित माना गया है, क्योंकि इसमें प्राकृतिक खनिज शामिल होते हैं. लेकिन artificial black water को लेकर सावधानी बरतने की जरूरत है, जिसमें उच्च pH की तुलना में कम अच्छे खनिज हो सकते हैं और हो सकता है  दूषित पदार्थ भी हो |

अपने Web पेज को mobile friendly कैसे बनाए

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अपने Web पेज को mobile friendly कैसे बनाए

मोबाइल फ्रेंडली वेबसाइट / वेब पेज क्या होता है ?

मोबाइल फ्रेंडली वेबसाइट एक ऐसी वेबसाइट होती है जो मोबाइल डिवाइसों पर सही तरीके से दिखाई देती है। यह वेबसाइट मोबाइल डिवाइसों के लिए अनुकूलित होती है, जिससे यूज़र्स को सही तरीके से देखने और इंटरेक्ट करने में आसानी होती है। इसके लिए वेबसाइट में उपयोगकर्ता अनुभव को ध्यान में रखते हुए वेबसाइट का डिज़ाइन, स्क्रीन साइज़ और सामग्री को उचित तरीके से अनुकूलित किया जाता है। इसके लिए विभिन्न तकनीकों का उपयोग किया जाता है, जिनमें रेस्पोंसिव डिज़ाइन, मोबाइल फ्रेंडली टेक्स्ट, ऑटो-फ़िट स्क्रीन, आसान नेविगेशन और बटन आदि शामिल होते हैं।

आजकल, जब सभी लोग अपने मोबाइल फोन का उपयोग वेब पेजों तक पहुंचने के लिए करते हैं, एक मोबाइल फ्रेंडली वेबसाइट का होना बहुत महत्वपूर्ण है। यदि आप अपनी वेबसाइट को मोबाइल फ्रेंडली बनाना चाहते हैं, तो निम्नलिखित टिप्स आपकी मदद कर सकते हैं:


रिस्पॉन्सिव डिजाइन का उपयोग करें: एक रिस्पॉन्सिव वेबसाइट उन वेबसाइटों में से एक है जो कि स्वतः उन डिवाइसों को समर्थित करती है जो आपकी वेबसाइट को उपयोग करना चाहते हैं। इसका मतलब है कि आपकी वेबसाइट को स्मार्टफोन, टैबलेट, लैपटॉप या डेस्कटॉप जैसे सभी डिवाइसों पर सही तरीके से दिखाई देना चाहिए।

सरल डिजाइन का उपयोग करें: आपकी वेबसाइट का डिजाइन सरल होना चाहिए ताकि इसे मोबाइल फोन पर आसानी से समझा जा सके। इसके लिए, आप आकर्षक फोंट, जगह-बचाने वाली लेआउट और आसान नेविगेशन जैसी चीजों का उपयोग कर सकते हैं।

कम्प्रेशन का उपयोग करें: अपनी वेबसाइट के लिए उच्च रेज़ोल्यूशन फोटो और वीडियो का उपयोग करने से बचें, क्योंकि इससे पेज के लोडिंग समय में बढ़ोतरी होती है। आप फोटो और वीडियो को कम्प्रेस कर सकते हैं ताकि उन्हें तेजी से लोड किया जा सके।

मोबाइल फोन और टैबलेट के लिए बटन का उपयोग करें: आप अपनी वेबसाइट में बटन का उपयोग करके इसे मोबाइल फोन और टैबलेट पर अधिक उपयोगी बना सकते हैं। ये बटन आपके विवरण फ़ॉर्म, अन्य वेबसाइट पृष्ठों पर जाने और सोशल मीडिया पेजों के संपर्क लिंक जैसे कई कार्यों को सरल बना सकते हैं।

आप अपनी वेबसाइट की जाँच करने के लिए विभिन्न मोबाइल फ्रेंडली टूल्स का उपयोग कर सकते हैं, जैसे Google’s Mobile-Friendly Test और BrowserStack जैसी साइट।

इन टूल्स का उपयोग करके आप अपनी वेबसाइट की सटीक जाँच कर सकते हैं और यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि आपकी वेबसाइट क्या सही है और लोड होने में अधिक समय तो नहीं ले रहा है | 

मोबाइल फोन और टैबलेट के लिए स्क्रीन रेज़ॉल्यूशन को ध्यान में रखें: अपनी वेबसाइट को उचित स्क्रीन रेज़ॉल्यूशन में देखने के लिए सुनिश्चित करें। यह सुनिश्चित करें कि आपकी वेबसाइट के तस्वीरें, टेक्स्ट और बटन सही तरीके से दिखाई दे रहे हैं।

कंटेंट के  विवरण का उपयोग करें: अपनी वेबसाइट पर सामग्री का उचित उपयोग करें। सामग्री जैसे कि शीर्षक, विवरण, मेटा टैग और अन्य सामग्री मोबाइल फोन और टैबलेट के लिए सही तरीके से दिखाई देनी चाहिए।

मोबाइल फोन और टैबलेट के लिए नेविगेशन का उपयोग करें: आप अपनी वेबसाइट के लिए सही नेविगेशन बार का उपयोग कर सकते हैं जो मोबाइल फोन और टैबलेट के लिए अधिक उपयोगी हो। आप एक आसान और सरल नेविगेशन मेनू बना सकते हैं जो आपके उपयोगकर्ताओं को वेबसाइट पर सही रास्ते तक ले जाएगा।

ये कुछ आसान उपाय हैं जो आपको अपनी वेबसाइट को मोबाइल फ्रेंडली बनाने में मदद मिल सकता है | 

मोबाइल फ्रेंडली वेब पेज के फायदे

मोबाइल फ्रेंडली वेब पेज के कई फायदे होते हैं। कुछ महत्वपूर्ण फायदों की सूची निम्नलिखित है:

अधिक यूज़र अनुकूलित अनुभव: एक मोबाइल फ्रेंडली वेब पेज उपयोगकर्ताओं को अधिक उपयोगकर्ता-अनुकूलित अनुभव प्रदान करती है, जो उन्हें साइट का उपयोग करने में आसानी प्रदान करता है।

व्यापक दृश्यता: मोबाइल फ्रेंडली वेब पेज के उपयोग से आप व्यापक दृश्यता को प्राप्त कर सकते हैं, क्योंकि लोग अधिकतर समय मोबाइल डिवाइस का उपयोग करते हुए वेबसाइटों को खोजते हैं।

त्वरित लोडिंग समय: मोबाइल फ्रेंडली वेब पेज का उपयोग करने से आप अपनी साइट के लोडिंग समय को कम कर सकते हैं, जो वेबसाइट के उपयोगकर्ताओं के लिए अधिक आकर्षक होता है।

उच्च साझा करने की क्षमता: एक मोबाइल फ्रेंडली वेब पेज उपयोगकर्ताओं को आपकी साइट के साथ आसानी से साझा करने में मदद करती है, जो आपकी साइट के लिए अधिक ट्रैफ़ि

सामग्री का सही दर्शन: मोबाइल फ्रेंडली वेब पेज उपयोगकर्ताओं को सही ढंग से साइट की सामग्री का दर्शन करने में मदद करती है, जिससे वे साइट पर आसानी से समझ सकते हैं।

अधिक संबंधित ट्रैफ़िक: अधिकतम यूज़र अनुकूलित अनुभव के कारण, मोबाइल फ्रेंडली वेब पेज अधिक संबंधित ट्रैफ़िक को अपनी साइट पर आकर्षित करने में मदद करती है।

उच्च SEO रैंकिंग: गूगल और अन्य खोज इंजन्स मोबाइल फ्रेंडली वेब पेज को उनकी खोज परिणामों में अधिक उच्च रैंक देते हैं। इसलिए, एक मोबाइल फ्रेंडली वेबसाइट बनाकर आप अपनी साइट को खोज इंजन में अधिक ऊपर ले जा सकते हैं।

इन सभी फायदों के साथ, मोबाइल फ्रेंडली वेब पेज एक उपयोगकर्ता के उपयोगकर्ता अनुभव को बेहतर बनाने के लिए बहुत आवश्यक हैं।

Write a code To check friendly pair

Q31. Write a code To check friendly pair

Program To Check Friendly Pair : This section focuses on Friendly Pair algorithm and program. The programs should be practiced to improve the coding skills required for various interviews (campus interviews, walk-in interviews), coding rounds etc.

Abundancy Pair : An Abundancy Pair is a number for which the sum of its proper divisors is greater than the number itself.
Friendly Pair : Two numbers are said to be friendly pairs if they have common abundancy index.
Given an number m and n and our task is to find Abundancy index of both the number and then need to check if they have common abundancy index or not.

For Example :-

Input : m= 28, n = 6
Output : Yes, The number is Friendly Pair
Explanation : As we can see that input number m = 28 and n = 6. The proper divisors of 6 is 1, 2, 3, 6 and proper divisors of 28 is 1, 2, 4, 7, 14, 28. The sum of proper divisors is 1 + 2 + 3 + 6 = 12 and 1 + 2 + 4 + 7 + 14 + 28 = 56. Abundancy index of 6 and 28 are 2. So they are friendly pair.

 Algorithm For Check Friendly Pair

START
Step 1 : Initilize numbers m and n.
Step 2 : Initialize two variables, sum1 and sum 2 with zero
Step 3 : Assign sum 1 with the sum of all the divisors of number m
Step 4 : Assign sum 2 with the sum of all the divisors of number n
Step 5 : If (sum 1==number1) and (sum 2==number 2), then print, “Friendly Numbers”
Step 6 : Else print “Not Friendly Numbers”
Stop

Code For Check Friendly Pair

Output

Yes, The number is Friendly Pair

9 class computer chapter-1 basic of ICT

9 class computer chapter-1 basic of ICT

Introduction: Basic of ICT

ICT stands for Information and Communication Technology. It refers to the use of digital technology to manage, process, and communicate information. ICT encompasses a wide range of technologies, including computers, software, networks, and the Internet.

ICT has revolutionized the way we live, work, and communicate. It has transformed many industries, from finance and healthcare to education and entertainment. Some examples of how ICT is used in different fields include:

  • Education: Teachers and students use computers and digital tools for online learning, research, and collaboration.
  • Healthcare: Medical professionals use ICT to access patient records, share information with colleagues, and perform research.
  • Finance: Banks and other financial institutions use ICT to manage transactions, analyze data, and provide online services to customers.
  • Entertainment: The entertainment industry uses ICT to create, produce, and distribute movies, music, and other forms of media.

Overall, ICT has had a profound impact on society, and its importance is only expected to grow in the future.

Important Concepts : Basic of ICT

Here are some important concepts related to the basics of ICT:

Computer hardware: The physical components of a computer system, such as the CPU, monitor, keyboard, and mouse.

Computer software: The programs and applications that run on a computer system, such as operating systems, word processors, and web browsers.

Operating system: The software that manages a computer system’s resources and provides an interface for users to interact with the computer.

Internet: A global network of connected computers that allows users to access and share information across the world.

World Wide Web: A collection of web pages and other digital content that can be accessed through the internet using web browsers.

Email: Electronic mail messages that can be sent and received over the internet.

Social media: Web-based platforms that allow users to share information and communicate with others, such as Facebook, Twitter, and Instagram.

Cloud computing: A system where software and data are stored remotely on servers and accessed over the internet, rather than stored locally on a user’s computer.

Cybersecurity: The practice of protecting computer systems and networks from unauthorized access or attacks, such as malware or hacking.

Artificial intelligence: The use of computer algorithms and software to perform tasks that would normally require human intelligence, such as speech recognition or image processing.

These are just a few of the basic concepts related to ICT. As technology continues to evolve and advance, new concepts and innovations will continue to emerge.